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छोटा जादूगर, chota jaadugar

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-:छोटा जादूगर :-                                                        जयशंकर प्रसाद              का र्निवल के मैदान में बिजली जगमगा रही थी । हँसी और विनोद का कलनाद गूँज रहा था । मैं खड़ा था उस छोटे फुहारे के पास , जहाँ एक लड़का चुपचाप शरबत पीने वालों को देख रहा था । उसके गले में फटे कुरते के ऊपर से एक मोटी - सी सूत की रस्सी पड़ी थी और जेब में कुछ ताश के पत्ते थे । उसके मुँह पर गंभीर विषाद के साथ धैर्य की रेखा थी । मैं उसकी ओर न जाने क्यों आकर्षित हुआ । मैंने पूछा " क्यों जी , तुमने इसमें क्या देखा ? " " मैंने सब देखा है । यहाँ चूड़ी फेंकते हैं । खिलौनों पर निशाना लगाते हैं । तीर से नंबर छेदते हैं । मुझे तो खिलौनों पर निशाना लगाना अच्छा मालूम हुआ ।  जादूगर तो बिलकुल निकम्मा है । उससे अच्छा तो ताश का खेल मैं ही दिखा सकता हूँ । " उसने बड़ी प्रगल्भता से कहा । उसकी वाणी में कहीं रुकावट न थी । मैंने पू...

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jcert class 8 hindi chapert 1 question and answer  पुष्प की अभिलाषा class 8 प्रश्नोंत्तर 1. पुष्प की अभिलाषा ( माखनलाल चतुर्वेदी )

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-:पुष्प की अभिलाषा :-                                                                               (माखनलाल चतुर्वेदी ) चाह नहीं , मैं सुरबाला के ,  गहनों   में   गूँथा    जाऊँ ।  चाह नहीं , प्रेमी - माला में ,  बिंध प्यारी को ललचाऊँ ।  चाह  नहीं , सम्राटों के शव पर ,  हे       हरि !     डाला    जाऊँ ।  चाह नहीं , देवों के सिर पर चढूँ , भाग्य       पर        इठलाऊँ ।।  मुझे  तोड़  लेना  वनमाली ,  उस पथ पर देना तुम फेंक ।  मातृभूमि  पर  शीश  चढ़ाने ,  जिस  पथ जाएँ वीर अनेक । प्रस्तुत कविता में कवि ने पुष्प के माध्यम से हमें मातृभूमि की सेवा करने के लिए प्रेरित किया है । पुष्प का...